एकादशी 2025: तिथियाँ, महत्व, व्रत विधि और लाभ
एकादशी क्या है?
एकादशी 2025 – हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में दो बार आने वाली एक पवित्र तिथि है, जो भगवान विष्णु की आराधना के लिए समर्पित है। यह तिथि शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को पड़ती है। इस दिन व्रत रखने, भजन-कीर्तन करने और धार्मिक अनुष्ठानों का विशेष महत्व माना जाता है।
एकादशी व्रत का महत्व
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। शास्त्रों के अनुसार:
- इस व्रत से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
- मन की शुद्धि और आत्मिक शांति मिलती है।
- स्वास्थ्य लाभ भी होता है, क्योंकि उपवास से शरीर डिटॉक्स होता है।
एकादशी 2025 में एकादशी तिथियाँ और उनका महत्व
जनवरी 2025
- पौष पुत्रदा एकादशी – 10 जनवरी 2025 (10:19 AM तक)
- संतान प्राप्ति और पितृ दोष से मुक्ति के लिए शुभ।
- षटतिला एकादशी – 25 जनवरी 2025 (08:31 PM तक)
- दान-पुण्य और तिल के उपयोग से पापों का नाश।
फरवरी 2025
- जया एकादशी – 8 फरवरी 2025 (08:15 PM तक)
- विजय और सफलता प्रदान करने वाली।
- विजया एकादशी – 24 फरवरी 2025 (01:44 PM तक)
- हर प्रकार की बाधाओं को दूर करने वाली।
मार्च 2025
- अमलाकी एकादशी – 10 मार्च 2025 (07:44 AM तक)
- आंवले के पेड़ की पूजा से धन-समृद्धि की प्राप्ति।
- पापमोचनी एकादशी – 25 मार्च 2025 (03:45 AM तक)
- पापों से मुक्ति दिलाने वाली।
अप्रैल 2025
- कामदा एकादशी – 8 अप्रैल 2025 (09:12 PM तक)
- मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए।
- वरुथिनी एकादशी – 24 अप्रैल 2025 (02:32 PM तक)
- आयु और स्वास्थ्य लाभ के लिए।
मई 2025
- मोहिनी एकादशी – 8 मई 2025 (12:29 PM तक)
- मोह और माया से मुक्ति दिलाने वाली।
- अपरा एकादशी – 23 मई 2025 (10:29 PM तक)
- पापों के बंधन से छुटकारा दिलाती है।
जून 2025
- निर्जला एकादशी – 6 जून 2025 (07:10 PM तक)
- साल की सबसे कठिन एकादशी, जल के बिना व्रत।
- योगिनी एकादशी – 22 जून 2025 (03:45 AM तक)
- रोगों से मुक्ति दिलाने वाली।
जुलाई 2025
- देवशयनी एकादशी – 6 जुलाई 2025 (06:10 PM तक)
- चातुर्मास की शुरुआत, भगवान विष्णु की योग निद्रा।
- कामिका एकादशी – 21 जुलाई 2025 (05:22 PM तक)
- भक्ति और मोक्ष प्रदान करने वाली।
अगस्त 2025
- पवित्रा एकादशी – 4 अगस्त 2025 (04:55 PM तक)
- पवित्रता और शुद्धि के लिए।
- अजा एकादशी – 20 अगस्त 2025 (01:40 PM तक)
- पूर्वजों की शांति के लिए।
सितंबर 2025
- परिवर्तिनी एकादशी – 3 सितंबर 2025 (08:30 PM तक)
- भाग्य परिवर्तन करने वाली।
- इंदिरा एकादशी – 19 सितंबर 2025 (11:20 AM तक)
- पितृ दोष निवारण के लिए।
अक्टूबर 2025
- पापांकुशा एकादशी – 3 अक्टूबर 2025 (03:40 PM तक)
- पापों को दूर करने वाली।
- रमा एकादशी – 18 अक्टूबर 2025 (02:50 AM तक)
- सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली।
नवंबर 2025
- प्रबोधिनी एकादशी – 2 नवंबर 2025 (09:15 AM तक)
- चातुर्मास का समापन, तुलसी विवाह का प्रारंभ।
- उत्पन्ना एकादशी – 17 नवंबर 2025 (07:25 PM तक)
- एकादशी व्रत की उत्पत्ति की कथा से जुड़ी।
दिसंबर 2025
- मोक्षदा एकादशी – 2 दिसंबर 2025 (06:30 AM तक)
- मोक्ष प्रदान करने वाली, गीता जयंती।
- सफला एकादशी – 17 दिसंबर 2025 (09:50 PM तक)
- फलदायी और कर्मों में सफलता दिलाने वाली।
एकादशी व्रत विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- भगवान विष्णु की पूजा करें, “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
- व्रत का संकल्प लें और दिनभर अन्न ग्रहण न करें (फलाहार या निर्जला व्रत रख सकते हैं)।
- शाम को आरती करें और भगवद् कथा सुनें।
- अगले दिन द्वादशी तिथि पर ब्राह्मण को भोजन कराकर व्रत का पारण करें।
एकादशी व्रत के लाभ
✔️ पापों से मुक्ति मिलती है।
✔️ मानसिक शांति और आत्मबल बढ़ता है।
✔️ स्वास्थ्य लाभ होता है (डिटॉक्सिफिकेशन)।
✔️ भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
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